बुधवार, अक्तूबर 12, 2011

भौंकने की कला

क्या चीज मीडिया है, इसे मान गया है !
भाषण में भौंकने की, कला जान गया है !!


रविवार, अक्तूबर 09, 2011

साले नहीं रहे

जिस दिन से घर जमे थे जो, साले नहीं रहे !
घर की किसी भी चीज में, ताले नहीं रहे !!

हमें वो मत समझियो

हमें वो मत समझियो, जो किसी से खौफ़ खाते हैं !
जहाँ नौबत पड़ी भी, हम वहाँ से भाग जाते हैं !!

बच्चे हिंदुस्तान के !!

इनकी ताक़त कम ना समझें, छोटा बच्चा जान के !
पत्थर को भी चटका दें ये, बच्चे हिंदुस्तान के !!

बुद्धन, मंदिर और पिटाई !!

जो बुद्धन रोज मंदिर जा रहे हैं !
किसी लड़की से पिटकर आ रहे हैं !!



कलम उठाकर हाथ

जब कोई बन्दूक भी, दे ना अपना साथ !
शब्द-युद्ध जारी रखें, कलम उठाकर हाथ !!

वादों पर आराम

संसद में चुनकर गयी, वादे आये काम !
करे गिलहरी अब इन्हीं, वादों पर आराम !!